मछली को बचाने के लिए गेहूं का बलिदान लगाए आरोप
शाहपुरा/ (कमलेश अग्रवाल) उपखंड मुख्यालय पर सिंचाई विभाग के अधिकारी एईएन द्वारा मनमानी करते हुए किसानों की फसलों को मौत का फरमान सुना दिया और गेहूं की फसल को जरूरत के समय नहर का पानी बंद कर दिया गया। जानकारी के अनुसार सिंचाई विभाग के अध्यक्ष हनुमान धाकड़ ने बताया कि उम्मेद सागर बांध पर लगभग 5 फीट पानी है और शाहपुरा क्षेत्र के किसानों की फसलें खेत में खड़ी हैं और इस मौके पर फसलों को पानी की अत्यंत आवश्यकता है, इससे किसान की फसल का मूल्य निर्धारण होगा, और चलती हुई नहर को बिना किसी सूचना के बंद कर दिया गया। आरोप लगाया गया कि शाहपुरा के फूलडोल महोत्सव में नहर चलने से कोई हादसा ना हो, बेतुकी संभावना व्यक्त करते हुए नहर का पानी रोक दिया गया। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग के अधिकारी एवं मछली के ठेकेदारों में साथ गांठ होने से मछलियों के पानी कम रहने से उनके नुकसान की भरपाई करने के लिए क्षेत्र के हजारों किसानों की फसलों को बलि चढ़ाया जा रहा है, जबकि शाहपुरा क्षेत्र की अधिकतर जनता शाकाहारी है और गेहूं की रोटी खाने पर ही विश्वास करती है, लेकिन मांसाहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सिंचाई विभाग के अधिकारी तुगलक की फरमान जारी करते हुए नहर को बंद कर दिया। जबकि नियम यह है कि बांध का एक भी बूंद पानी नहीं रहे, तब तक नहरें चलती रहें। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को व्यवहार के कारण किसान आकर्षित हैं और अपने फसलों की चिंता करते हुए कल सिंचाई विभाग का एवं अधिकारियों का घेराव करते हुए उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देंगे और सरकार से मांग करेंगे कि नहर को बिना विलंब किए शुरू किया जाए, ताकि किसानों की फसलें सूखने से बच सकें।"
इनका कहना. सिंचाई विभाग AEN कोमल छिपा का कहना है कि
शाहपुरा में सिंचाई के लिए पूर्व में चार बार नहर को खोल दिया गया अब 4 फीट पानी ही रहा है
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