सिद्धिविनायक गणेश पूजन मुहूर्त 7 सितम्बर को

रविकांत जोशी | 04 Sep 2024 07:31


टोंक - (बाबूलाल शास्त्री) भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि को सिद्धि विनायक गणेश जी का यह पर्व मध्यान्ह व्यापिनी भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है इस वर्ष दिनांक 07सितम्बर शनिवार को चतुर्थी तिथि सायकाल 05=37बजे तक है जो मध्यान्ह व्यापिनी है अतः इसी दिन सिद्धिविनायक गणपति का पुजन एवं व्रत होंगा, गणेश पुजन के लिये मध्यान्ह काल प्रात 11=11बजे से दोपहर 01=40बजेतक वृश्चिक लग्न सहित समय को श्रेष्ठ माना गया है , वृश्चिक लग्न दिन मे11=28बजे से दोपहर01=40 बजे तक रहेगा शुभ का चोघडिया सुबह7=45बजे से 9=18बजे तक चंचल का चौघड़िया, दोपहर 12=24से01=57बजेतक ,लाभ का चौघड़िया दिन मे 01=57बजे से 03=30बजे तक अमृत का चौघड़िया दिन मे 03=30से दिन मे 05=03बजे तक है ,अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12=14 बजे से दोपहर 01=03बजे तक श्रेष्ठ शुभा शुभ योग है ,

मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान टोंक के निदेशक महर्षि बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि,07 सितम्बर शनिवार को चतुर्थी तिथि होने से यह महा गणपति चतुर्थी एवं चतुर्थी अंगारक योग है जो विशेष फल दायक है, चन्द्र देव चित्रा नक्षत्र में दोपहर 12=34 बजे तकहै स्वामी मगल उपरांत स्वाति नक्षत्र स्वामी राहू, राशि तुला स्वामी शुक्र विचरण कर रहे हैं वृश्चिक लग्न का स्वामी मंगल है इन का श्रेष्ठ योग है,स्वार्थ सिध्दि योग दोपहर 12=34से 8सितम्बर को सुबह06=13बजे तक है इस दिन भद्रा सुबह सूर्योदय से पूर्व 04=21बजे से दोपहर 5=37बजे तक पाताल लोक, पश्चिमी दिशा में शुभ धन लाभ दायक है,

महर्षि बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि सिद्धिविनायक गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को स्थिर वृश्चिक लग्न में हुआ था, द्वितीय धनभाव में स्वग्रही गुरु पराक्रम भाव में लग्नेश उच्च का मंगल, बुद्धि पंचम स्थान पर उच्च का शुक्र राहु सप्तम में उच्च का चन्द्रमा दशम में स्व ग्रही सूर्य लाभ में उच्च का बुध केतु एवं मोक्ष भाव मे उच्च के शनि है, लग्नेश पंचमेश नवमेश स्वग्रही तथा उच्च के होने से तीनों लोक में श्री गणेश प्रथम पूज्य देव बने,जय गणेश, काटो क्लेश

 

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